एक ननद जो दुर्व्यवहार अपनी भौजाई के साथ करती है वही दुर्व्यवहार एक दिन उसे अपनी ससुराल में उसे अपनी भावी ननदों से मिलेगा, यह बात वह अच्छी तरह जानती है |
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फिर भी
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उसके विचार, उसकी सोच और उसके दुर्व्यवहार में आज भी बदलाव नहीं आता है |
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यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है जब कि आज ननद और भौजाई दोनों ही शिक्षित हैं |
महिलाओं के शिक्षित होने के बाद भी आज परिवार बिखर रहे हैं |
संयुक्त परिवार की तो परम्परा ही जैसे समाप्त हो गई ?
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तो क्या महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन हैं ?
तो क्या महिलाओं की सोच आज भी वही है !
तो क्या महिलाओं की समझ में आज भी परिवर्तन नहीं आया है ?
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लोग कहते हैं कि भाई भाई का दुश्मन है.....
तो क्या नारी ही नारी अर्थात् वह स्वयम् की ही दुश्मन है, इस परिवार की दुश्मन है !
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इस समाज की दुश्मन है !
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दिनेश एल० "जैहिंद"
30.09.2015
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