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## मन की बात ##

लेखक, कवि व गीतकार दिनेश एल० "जैहिंद" की एक खुली चिट्ठी प्र० मंत्री नरेंद्र मोदी जी के नाम

                    ## मन की बात ##




मान्यवर प्रधान मंत्री
नई दिल्ली (भारत)
              
                  विषय: भारत को बचाना है |
महोदय ,
यदि आप सत्य में विश्वास करते हैं और 'सत्य और अहिंसा ' को सर्वोपरि मानते हैं तो मैं अपनी दो-चार बातें आपके समक्ष रखना चाहूँगा और मैं चाहूँगा कि भारत को एक ईमानदार और सच्चा देश भक्त का नेतृत्व मिलता रहे तथा भारत का सटिक विकास और दिशा-निर्देश होता रहे।


(उम्मीद करता हूँ कि आप इसे पढ़ने का कष्ट अवश्य करेंगे |)

आज हमारा भारत कहाँ है और कहाँ जा रहा है ?
जरा इस पर सोचने और विचार करने का वक़्त है | देश में चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है | देश की नस -नस में बेईमानी, घूसख़ोरी, दलाली, चोरी-छिनारी की जड़ें घर बना ली हैं |

जिस भारत को महात्मा गाँधी, डा० राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय, बाल कृष्ण गोखले, डा० भीम राव अम्बडेकर जैसे देश भक्तों व नेताओं ने सत्य और अहिंसा के बल पर आज़ाद कराया तथा सच्चाई व ईमानदारी की नींव रखकर इसका भविष्य निर्धारित किया, वह  आज आज़ादी के ७० सालों बाद भी भारत में देखने को कहाँ मिल रहा है ?

इस देश से सच्चाई और ईमानदारी गद्दे के सींग की तरह कहाँ गायब हो गईं | यह किसी को पता नहीं है ?

जिस पाठ को पढ़कर भारत के बच्चे बड़े हो रहे हैं और विभिन्न पदों पर आसिन हो रहे हैं, उस पाठ में तो कहीं भी बे-ईमानी, घूसख़ोरी, दलाली, चोरी और भ्रष्टाचारी की शिक्षा नहीं दी जाती है | फिर क्यों और कहाँ से इन बड़े होते बच्चों में सारे अवगुण भर जाते हैं, जो आज के बड़े- बड़े नेताओं, मंत्रियों, अफिसरों, किरानियों में कूट- कूट कर भरे पड़े हैं।

ये बच्चे हमारे देश के होनहार व ईमानदार संतरी और भविष्य निर्माता हैं।

मैं पूछता हूँ - ऐसे में इस देश का क्या होगा ? इस देश का कर्णधार कौन बनेगा ? इस देश को कौन सही दिशा देगा ? इस देश की जनता को कौन दिशा- निर्देश करेगा ?


राहों में चोरी- चमारी, बसों में चोरी- छिनताई, नशा खुरानी, घरों- बैंकों में चोरी- डैकती, ऑफ़िसों और नौकरियों में घूसखोरी, ठेकेदारी में दलाली, भर्तियों और प्रस्तुती कार्यक्रमों में दलाली, खरीद- बिक्री में दलाली, बेईमानी, भ्रष्टाचारी, बच्चों के साथ दुष्कर्म और लड़कियों व महिलाओं के साथ रेप व गैंग रेप जैसे असामाजिक दुर्घटनाएं भारत देश में अपनी जड़ें गहरे तक जमा ली हैं | भारत की ये विकृत छवि आज के भारत की दशा की दुर्दशा विश्व के सामने उजागर करके रख देती है | ये सभी भारत की दुर्दशा की झलक हैं | ये भारत देश की वर्तमान विकट समस्याएँ व परेशानियाँ हैं, जो मोटे अजगर के समान देश के बच्चों, महिलाओं, होनहार व तेज विद्यार्थियों तथा जनता को निगलतेे जा रहे हैं | अमीरी-गरीबी की सामाजिक असमानता व दहेज-प्रथा जैसी कुप्रथा आज भी देश के सामने सिर ऊँचा किए हुए हम पर ठहाके लगा रही हैं।

ऐसे में भारत की इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है ? इस दुर्दशा को ख़त्म करने की जिम्मेदारी कौन लेता है ?

ऐसे लोगों ,ऑफ़सरों, नेताओं, मंत्रियों और पार्टियों को जड़ - मूल सहित नष्ट करना है और करना होगा | तभी जाकर हमारे देश में पुन: सत्य व अहिंसा, सच्चाई व ईमानदारी तथा सुख और शांति बहाल हो सकती है।


                  धन्यवाद !                               


देश का एक सच्चा नागरिक -
दिनेश एल० "जैहिंद"
ग्राम+डाक - जैथर
थाना - इसुआपुर
जिला - छपरा (सारण)
राज्य - बिहार
दिनांक - 22. 08. 2015


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